उत्तराखण्ड में जिलाध्यक्षों की लिस्ट को लेकर असमजस बरकरार
देहरादून। उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस पार्टी हर स्तर पर अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है। प्रदेश में पार्टी के भीतर कलह किसी से छिपी नहीं है। हालांकि दूसरी तरफ सार्वजनिक तौर पार्टी सबकुछ ठीक होने का दावा आए दिन करती रहती है। पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक करने की कड़ी में कांग्रेस जिलाध्यक्षों की लिस्ट को लेकर काफी चर्चा कर रही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इस बात का डर है कि एक बार लिस्ट सामने आने के बाद कलह और बढ़ सकती है। ग्राउंड पर जो नेता हैं, वो नाराज हो सकते हैं. यही कारण है कि पार्टी लिस्ट को फाइनल नहीं किया है।
हालांकि प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड कांग्रेस जिला अध्यक्षों के नाम फाइनल हो गया है। गुरुवार तक इसकी लिस्ट भी जारी हो सकती है। लेकिन विवाद से बचने के लिये फाइनल लिस्ट पर एक बार प्रदेश नेतृत्व फिर से चर्चा कर सकती है। बता दें कि उत्तराखंड कांग्रेस के 27 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर लंबे इंतजार का सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है। 15 अक्टूबर को दिल्ली में लिस्ट को लेकर अहम बैठक हुई थी, जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि 2 से 3 दिन में पार्टी के जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी हो सकती है। लेकिन अभी भी पेंच फंसा हुआ है। पूरा मामला पुराने और नए चेहरों को लेकर है। पार्टी यह फैसला नहीं कर पा रही है कि जिलाध्यक्षों की लिस्ट में पुराने चेहरों को फिर से मौका दें या नए चेहरों को मौका दिया जाए। हालांकि पार्टी का प्रदेश के चुनावों में जिस तरह के प्रदर्शन रहे हैं, वो उनके लिए चिंताजनक हैं। लेकिन हाल में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपनी पुरानी साख पाने में थोड़ी सफल रही है।

