आवाज़ : करन माहरा ने विशेष सत्र की अवधि बढ़ाने की उठाई मांग, कहा- बेहतर होता गैरसैंण में किया जाता आयोजन

आवाज़ : करन माहरा ने विशेष सत्र की अवधि बढ़ाने की उठाई मांग, कहा- बेहतर होता गैरसैंण में किया जाता आयोजन
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देहरादून। आगामी 3 और 4 नवंबर को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस को लेकर धामी सरकार देहरादून में विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आहूत करने जा रही है, लेकिन कांग्रेस ने विशेष सत्र की कम अवधि को लेकर सरकार पर तीखा निशाना साधा है ।  कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने विशेष सत्र की अवधि को 9 करने की मांग उठाई है ।  साथ ही बीजेपी पर तीखा हमला भी बोला है ।
सत्र की अवधि 9 दिन रखने की मांग: उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि राज्य गठन को 25 साल पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन सरकार ने 3 और 4 नवंबर को 2 दिन का विशेष सत्र आहूत कर मजाक करने का काम कर रही है ।  उन्होंने सरकार से सत्र की अवधि कम से कम 9 दिन रखने की मांग की है ।
उन्होंने कहा कि सरकार को कम से कम 3 नवंबर से 9 नवंबर राज्य स्थापना दिवस तक सत्र को जारी रखना चाहिए था ।  तब जाकर सत्र में जन सरोकारों से जुड़े मुद्दे उठते और लोग यह जान पाते कि उत्तराखंड में मानसून काल के दौरान आई आपदा की क्या स्थितियां रही और वर्तमान में क्या हालात हैं? करन माहरा ने कहा कि सत्र की अवधि अगर बढ़ाई जाती तो सदन में प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा होती ।  राज्य में साल 2022 और 2025 में दो बार भर्ती परीक्षाओं मे घोटाले हो गए ।  इसके अलावा अपराध लगातार बढ़ रहे हैं ।  खासकर महिलाओं से जुड़े अपराध लगातार सामने आ रहे हैं ।  कानून व्यवस्था भी चरमरा गई है ।  प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड कांग्रेस करन माहरा, का कहना है कि  “बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिला अपराध ,भ्रष्टाचार, खनन, बेरोजगारी समेत अन्य यक्ष प्रश्नों पर जनता से चुने गए प्रतिनिधि सरकार से चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन सरकार ने दो दिन का विशेष सत्र बुलाकर यह साबित कर दिया है कि सरकार जनता के प्रति जवाबदेही नहीं है ।  उन्होंने सवाल उठाया कि 2 दिन का सत्र कौन बुलाता है? अगर विशेष सत्र की अवधि न्यूनतम 9 दिन कर दी जाती और सत्र को सरकार गैरसैंण में आयोजित करा देती तो सही मायने में पर्वतीय राज्य की मूल भावना चरितार्थ होती ।  आखिर इस पर्वतीय राज्य का गठन क्यों किया गया?
करन माहरा ने सवाल उठाया कि इस राज्य की मूल अवधारणा क्या थी? क्यों यहां के लोगों ने अलग राज्य की मांग उठाई? यदि राज्य को सम्मान देना था तो फिर बीजेपी को यह सत्र गैरसैंण मे कराना चाहिए था ।  कम से कम 8 से 9 दिन का यह सत्र होता तो यह राज्य और जनता के लिए भी हितकर होता ।

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