ख़तरा: इस पहाड़ी जिले के जंगलों में बिना बारिश के भी हो रहा है भूस्खलन, हादसे की आशंका

ख़तरा: इस पहाड़ी जिले के जंगलों में बिना बारिश के भी हो रहा है भूस्खलन, हादसे की आशंका
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उत्तरकाशी। दयारा बुग्याल के समीप नहेटा के जंगलों में हो रहा भूस्खलन पापड़गाड नदी के साथ कभी भी बड़ी आपदा का रूप ले सकता है। ग्रामीणों के अनुसार नहेटा के जंगलों में इन दिनों भी भूस्खलन सक्रिय है। हर दिन पापड़गाड में मटमैला पानी बह रहा है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से जल्द समस्या के समाधान की मांग की है। क्यार्क गांव के पूर्व प्रधान विपिन राणा ने बताया कि मानसून सीजन में दयारा बुग्याल के पास बहने वाली पापडगाड के उफान पर आने के कारण ट्रैक सहित क्यार्क गांव और गंगोत्री हाईवे का नुकसान हुआ था। उस दौरान नदी के कटाव के कारण दयारा बुग्याल के समीप नहेटा के जंगलों में भू-कटाव होने के कारण वहां पर भूस्खलन सक्रिय हुआ था। इन दिनों भूस्खलन हो रहा है। पापड़गाड में हर दिन मटमैला पानी बह रहा है। वहीं जल्द ही इसके ट्रीटमेंट के लिए कदम नहीं उठाया गया तो यह भविष्य में बड़ी आपदा का रूप ले सकता है। क्योंकि पापड़गाड में अभी कई टन मलबा एकत्रित है और भविष्य में भूस्खलन होता है। यह धराली जैसी आपदा का रूप ले सकता है। इससे रैथल के समीप सरकारी फार्म सहित क्यार्क गांव और गंगोत्री हाईवे सहित उस पर बने पुल के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल्द ही भूस्खलन क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वे करवाकर वहां पर सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की है। क्योंकि इसका असर दयारा बुग्याल भी पड़ सकता है।

नालूपानी में साफ मौसम में भी हो रहा है भूस्खलन
उधर,  गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी में मानसून सीजन में सक्रिय भूस्खलन नासूर बन गया है। साफ मौसम में भी भूस्खलन होने के कारण मलबा और बोल्डर सड़क पर गिर रहे हैं। बावजूद इसके बीआरओ की ओर से सड़क से मलबा नहीं हटाया जा रहा है। वहीं भूस्खलन को रोकने के लिए अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं। मानसून सीजन में गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी के समीप पहाड़ी से भूस्खलन सक्रिय हुआ था। इससे गंगोत्री हाईवे पर कई दिनों तक आवाजाही भी बाधित रही थी। मानसून सीजन के बाद बीआरओ ने भूस्खलन जोन से पहाड़ी पर लटक रहे मलबे को भी हटाया था लेकिन यह समस्या साफ मौसम में भी समाप्त नहीं हो रही है।
वहां पर कई बार अचानक पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिर रहा है। इससे वाहनों की आवाजाही में भी खतरा बना है। भूस्खलन के कारण हाईवे भी संकरा हो गया है जिससे आवाजाही में दिक्कत हो रही है। वहीं बीआरओ ने सड़क से मलबा साफ नहीं किया है। नालूपानी के अलावा धरासू के आसपास भी सड़क पर मलबा पसरा है। मलबे के कारण संकरी हुई सड़क पर कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। पहाड़ी से अचानक मलबा और बोल्डर गिरने से आए दिन हादसे का खतरा बना रहता है। इस संबंध में बीआरओ के अधिकारियों से फोन से संपर्क करने पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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