पठन-पाठन: पढ़ाई के दौरान नहीं लगेगी झपकी, बच्चों के दिनचर्या में शामिल करें ये आदतें

पठन-पाठन: पढ़ाई के दौरान नहीं लगेगी झपकी, बच्चों के दिनचर्या में शामिल करें ये आदतें
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च्चों की पढ़ाई के दौरान झपकी आना एक आम समस्या है। यह न केवल उनकी पढ़ाई की क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की पढ़ाई के समय कुछ ऐसी आदतें विकसित करें, जिससे वे जागते रहें और ध्यान केंद्रित कर सकें। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी आदतें बताने जा रहे हैं, जो बच्चों को पढ़ाई के दौरान झपकी से बचा सकती हैं।

पढ़ाई का समय तय करें
बच्चों की पढ़ाई का समय तय करना बहुत जरूरी है। इससे उन्हें पता होता है कि कब उन्हें पढ़ाई करनी है और कब आराम करना है। एक नियमित समय सारणी बनाएं और उसे फालो करें ताकि बच्चे तैयार रहें और उनका ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित रहे। इसके अलावा समय सारणी में छोटे-छोटे ब्रेक शामिल करें ताकि बच्चे थकावट महसूस न करें और उनकी ऊर्जा बनी रहे। इस तरह वे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे।

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आरामदायक माहौल बनाएं
पढ़ाई का माहौल आरामदायक होना चाहिए ताकि बच्चे खुद को सहज महसूस करें। इसके लिए कमरे की रोशनी अच्छी होनी चाहिए, शोर कम होना चाहिए और हवा का प्रवाह अच्छा होना चाहिए। साथ ही बच्चों की टेबल और कुर्सी आरामदायक होनी चाहिए ताकि उनकी पीठ और गर्दन में दर्द न हो। इसके अलावा कमरे में कोई ऐसी चीज न रखें, जो ध्यान भटकाए जैसे मोबाइल या टीवी। इस तरह बच्चे बिना किसी रुकावट के पढ़ाई कर सकेंगे।

नाश्ता न छोड़ें
नाश्ता ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है, इसलिए बच्चों का नाश्ता कभी भी छोड़ना नहीं चाहिए। एक सेहतमंद नाश्ते में फल, दूध या कोई पौष्टिक चीजें शामिल करें, जिससे उनका दिमाग सक्रिय रहे और वे थकावट महसूस न करें। इसके अलावा नाश्ते के बाद बच्चों को पानी पीने के लिए भी कहें ताकि वे तरोताजा रहें। इससे उनकी एकाग्रता बढ़ेगी और वे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे। इस तरह बच्चे बिना किसी रुकावट के पढ़ाई कर सकेंगे।

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मोबाइल और टीवी से दूर रखें
पढ़ाई के दौरान मोबाइल और टीवी का उपयोग कम से कम करें क्योंकि ये चीजें ध्यान भटकाने वाली होती हैं। अगर संभव हो तो बच्चों के कमरे में मोबाइल या टीवी न रखें। अगर जरूरी हो तो पढ़ाई के समय इनका उपयोग सीमित करें और बच्चों को समझाएं कि इनसे उनका ध्यान भटक सकता है। इसके अलावा बच्चों को समझाएं कि पढ़ाई के बाद ही इनका उपयोग किया जाए।

नियमित एक्सरसाइज करवाएं
रोजाना थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करना बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इससे शरीर सक्रिय रहता है और थकान जल्दी दूर होती है। बच्चों को सुबह या शाम कुछ मिनट योग, दौड़ना या खेल खेलने के लिए प्रेरित करें ताकि उनकी ऊर्जा बनी रहे और वे थकावट महसूस न करें। इस तरह बच्चे बिना किसी रुकावट के पढ़ाई कर सकेंगे और उनकी एकाग्रता भी बढ़ेगी। इन आदतों को अपनाकर आप अपने बच्चों को पढ़ाई के दौरान झपकी से बचा सकते हैं।

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