बद्ध कोणासन: जानिए इस योगासन को करने का तरीका और इससे जुड़ी अन्य जरूरी बातें

बद्ध कोणासन: जानिए इस योगासन को करने का तरीका और इससे जुड़ी अन्य जरूरी बातें
Spread the love

 

योग एक प्राचीन भारतीय एक्सरसाइज है, जो शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होता है। योग में कई आसन होते हैं, जिनमें से एक है बद्ध कोणासन, जिसे बाधा कोण मुद्रा भी कहा जाता है। यह आसन खासतौर पर जांघों की लचीलापन बढ़ाने और शरीर के संतुलन को सुधारने में मदद करता है। आइए, इस योगासन को करने के तरीके और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में जानते हैं…

बद्ध कोणासन करने का तरीका
सबसे पहले जमीन पर बैठकर पैरों को आगे की ओर फैलाएं।
अब पैरों को मोडक़र अपने दोनों तलवों को आपस में मिला लें।
इसके बाद दोनों हाथों से तलवों को पकड़ें। अपने दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें। इस दौरान सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
कुछ सेकंड बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ें और फिर से दोहराएं।

ये भी पढ़ें:   खान-पान: सेब से बनाई जा सकती हैं 5 तरह की लज़ीज चटनी, इनकी रेसिपी भी है आसान

बद्ध कोणासन के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
अगर आपको पीठ या गर्दन में कोई समस्या है तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें।
इसके अलावा अगर आपके घुटनों में दर्द है या घुटनों का ऑपरेशन हुआ है तो भी इस आसन को न करें।
बद्ध कोणासन के दौरान शरीर का कोई भी हिस्सा जोर-जबरदस्ती न करें क्योंकि इससे चोट लगने की संभावना बढ़ सकती है।
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को यह योगासन नहीं करना चाहिए।

बद्ध कोणासन के फायदे
बद्ध कोणासन का नियमित अभ्यास करने से जांघों और कूल्हों की मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है।
यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूती देने में भी मदद करता है। बद्ध कोणासन से पाचन क्रिया भी बेहतर होती है।
इसके अलावा यह योगासन मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाने में भी सहायक है। इस आसन से रक्त संचार भी बेहतर होता है और यह शरीर में ऊर्जा का संचार करता है।

ये भी पढ़ें:   खान-पान: सेब से बनाई जा सकती हैं 5 तरह की लज़ीज चटनी, इनकी रेसिपी भी है आसान

बद्ध कोणासन से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
अगर आप इस योगासन में नए हैं तो किसी विशेषज्ञ की निगरानी में इसका अभ्यास करें।
शुरुआत में यह मुश्किल लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास से इसकी तकनीक समझ में आने लगेगी।
बद्ध कोणासन के दौरान सांसों पर विशेष ध्यान दें और किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें।
इसके अलावा नियमित रूप से इसका अभ्यास करें ताकि इसके सभी स्वास्थ्य लाभ मिल सकें। नियमित अभ्यास से शरीर की लचीलापन और संतुलन में सुधार होता है।

Parvatanchal

error: कॉपी नहीं शेयर कीजिए!