दुखद: लता दी के बाद बप्पी दा भी गए, फिल्मी संगीत जगत में छाया शोक

मुंबई। हाल ही में स्वर कोकिला के नाम से विख्यात सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर के निधन से दुखी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और करोड़ों भारतीय संगीत प्रेमियों को बुधवार को दूसरा सदमा लगा। फिल्म जगत के मशहूर गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी भी हम सबको छोड़कर परलोक सिधार गए। लंबे समय से बीमार चल रहे बप्पी दा ने 15 फरवरी की देर रात क्रिटिकेयर अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। उनके निधन से बॉलीवुड समेत पूरा देश सकते में है।
अस्पताल के निदेशक डॉ. दीपक नामजोशी ने बताया कि लाहिरी करीब एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे और उन्हें सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दी गयी थी, लेकिन उनकी सेहत मंगलवार को बिगड़ गई और उनके परिवार ने एक डॉक्टर को घर बुलाया। उन्हें अस्पताल लाया गया। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें थी। उनकी देर रात ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया) के कारण मौत हो गई।
गौरतलब है कि बप्पी लाहिड़ी ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) और रीकरेंट चेस्ट इन्फेक्शन से गुजर रहे थे। डॉ. दीपक नामजोशी उनका इलाज कर रहे थे। इस गंभीर समस्या के कारण बप्पी दा जुहू स्थित क्रिटिकेयर हॉस्पिटल में 29 दिनों तक भर्ती रहे थे। 15 फरवरी को ठीक होने पर वे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए थे। डिस्चार्ज होने के एक दिन बाद ही बप्पी दा की तबीयत दोबारा बिगड़ गई और उन्हें वापस गंभीर हालत में क्रिटिकेयर अस्पताल लाया गया। रात लगभग 11:45 बजे उन्होंने अस्पताल में अपनी आखिरी सांसे ली।
बप्पी दा के निधन ने उनके चाहने वालों को शोकाकुल कर दिया है, पर उनके बेटे बप्पा के दुख को शायद ही कोई समझ पाएगा। अपने पिता के आखिरी पलों में बप्पा लाहिड़ी सात समंदर पार लॉस एंजेलिस में थे। बप्पी लाहिड़ी के अंतिम संस्कार के लिए उनके बेटे बप्पा के लौटने का इंतजार किया जा रहा है। बप्पा के लौटने के बाद गुरुवार को बप्पी दा को अंतिम विदाई दी जाएगी। उनका अंतिम संस्कार पवन हंस श्मशान घाट में किया जाएगा।
बप्पी दा की बेटी ने भी खुद को खुशकिस्मत बताया कि उन्होंने बप्पी दा के घर जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि बप्पी लाहिड़ी एक बहुत ही अच्छे पिता रहे और उन्होंने अपने दोनों बच्चों को हर खुशी दी है।
बप्पी लहरी के बारे में कहा जाता है कि वो उन गायकों में से एक हैं, जिन्हें भारत में डिस्को को प्रचलन में लाने का श्रेय दिया जाता है। बप्पी लहरी के लोकप्रिय गानों में ‘चलते-चलते’, ‘डिस्को डांसर’ और ‘शराबी’ की धूम रही है। बप्पी लहरी का आख़िरी गाना 2020 में टाइगर श्रॉफ अभिनीत फ़िल्म बाग़ी 3 में भंकास टाइटल से था।
बप्पी लहरी को लोग आमतौर पर बप्पी दा कहकर बुलाते थे। सोने की जूलरी को लेकर उनका मोह उनके पहनावे से साफ़ झलकता था। उनके पहनावे में चमक और रंग बहुत गहरे होते थे।
बप्पी लहरी ने जिन फिल्मों में गानों को कंपोज किया, उनमें डिस्को डांसर, हिम्मतवाला, शराबी, एडवेंचर ऑफ टार्ज़न, डांस-डांस, सत्यमेव जयते, कमांडो, आज के शहंशाह, थानेदार, नंबरी आदमी, शोला और शबनम सबसे अहम हैं। बप्पी लहरी की जिमी-जिमी, आजा-आजा की लोकप्रियता तो आज भी सिर चढ़कर बोलती है।
उनका असली नाम आलोकेश लाहिड़ी था, जिन्हें हम बप्पी लहरी के नाम से जानते थे। सिर्फ़ चार साल की उम्र में लता मंगेशकर के एक गीत में तबला बजाकर मशहूर हुए आलोकेश लाहिड़ी को सब प्यार से बप्पी बुलाने लगे थे।
तब से अब तक वो बप्पी दा के नाम से बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड में भी फेमस हुए थे। 80 का दशक बप्पी लहरी की डिस्को धुनों पर नाचा और उन्हें डिस्को किंग बना दिया। बॉलीवुड में संगीत को डिज़िटल करने वाले संगीतकारों में बप्पी का बड़ा योगदान है। पिछले साल इंडियन आइडल शो के बप्पी दा स्पेशल एपिसोड में सिंगर के परिवार का एक वीडियो दिखाया गया था। बप्पी दा के पोते स्वास्तिक बंसाल ने अपने घर और दादा की उपलब्धियों को फैंस के साथ साझा किया था। इसी दौरान बप्पी दा के बेटे बप्पा लाहिड़ी ने बताया था कि उनके पिता एक बेहतरीन पिता हैं और उनके सबसे अच्छे दोस्त भी। उन्होंने कहा कि वे अपने पिता को बहुत मिस करते हैं।बप्पी लहरी ने मई 2014 में राजनीति में भी आने की कोशिश की थी। वह 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे।