काम की बात: बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से कितनी देर सोना चाहिए, ये जरूर जानें

बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है. अगर बच्चे सही से सोते हैं तो उनका दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है और उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. वह एक्टिव भी रहते हैं. हालांकि, कई माता-पिता यह नहीं जानते कि उनके बच्चों को दिन में कितनी देर सोना चाहिए. क्योंकि बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को कम या ज्यादा समय तक सुलाते हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से कितनी देर सोना चाहिए. खबर के माध्यम से जानते हैं कि बच्चों को कब और कितनी देर तक सोना चाहिए…

बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार से कितनी देर सोना चाहिए
नवजात शिशु (0-3 महीने): नवजात शिशुओं को भरपूर नींद की जरूरत होती है. उन्हें दिन में 14 से 17 घंटे सोना चाहिए. यह नींद सिर्फ दिन और रात में ही आती है, और सिर्फ थोड़े समय के लिए. नवजात शिशु जितना ज्यादा सोते हैं, वे उतने ही स्वस्थ होते हैं.
शिशु (4-12 महीने): इस उम्र के बच्चों को 12 से 16 घंटे की नींद लेनी चाहिए. दिन में 2 से 3 बार छोटी-छोटी झपकी लेना जरूरी है. अच्छी नींद बच्चों के तेज़ी से विकास में मदद करती है.
छोटे बच्चे (1-2 वर्ष): बच्चों को प्रतिदिन 11 से 14 घंटे सोना चाहिए. इस उम्र में दिन में उचित नींद लेना आवश्यक है. इस उम्र के बच्चों को भी अधिक नींद की जरूरत होती है.
प्रीस्कूलर (3-5 वर्ष): इस आयु के बच्चों को 10 से 13 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है. इस आयु में कई बच्चों को दिन में नींद आना कम हो जाता है. हालांकि, पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है.
स्कूल जाने वाले बच्चे (6-12 वर्ष): इन बच्चों को प्रतिदिन 9 से 12 घंटे सोना चाहिए. आपको रात को जल्दी सोने और सुबह समय पर उठने की आदत डालनी चाहिए. इससे बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
किशोर (13-18 वर्ष): किशोरों को कम से कम 8-10 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है. इस उम्र में पढ़ाई और मोबाइल फोन के कारण नींद प्रभावित होती है. इसलिए, स्क्रीन समय को नियंत्रित किया जाना चाहिए. इस उम्र के बच्चों को टीवी, मोबाइल, टैब या लैपटॉप के साथ ज्यादा समय नहीं बिताना चाहिए.
बच्चों की अच्छी नींद के लिए महत्वपूर्ण टिप्स
सोने और जागने के लिए एक विशेष समय निर्धारित करें.
सोने से पहले मोबाइल फोन, टीवी और वीडियो गेम से दूर रहें.
रात को हल्का एवं पौष्टिक भोजन दें.
सोने से पहले कोई कहानी सुनाएं या कोई आरामदायक गतिविधि करें.
कमरे का माहौल शांत और आरामदायक बनाएं.
कई बार बच्चे आंतरिक समस्याओं के कारण ठीक से सो नहीं पाते. यदि नवजात शिशु जोर-जोर से चिल्ला रहा है और सो नहीं पा रहा है, तो माता-पिता को अपने बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए…