100 बच्चों के हत्यारे जावेद इकबाल पर बनी फिल्म पर विवाद
सोशल मीडिया पर लोगों को फुर्सत बहुत ज्यादा होती है, लोग कुछ ना कुछ तो लिखेंगे ही। इतने ट्रेलर और टीजर आ चुके हैं। इस छोटी-सी फिल्म ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इसमें कुछ ऐसा है जिसे देखने के लिए आपको आना होगा।
ये कहना है फिल्म निर्देशक अबू अलीहा का जिन्होंने पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़े सीरियल किलर कहे जाने वाले जावेद इकबाल की जिंदगी पर फिल्म बनाई है। अलीहा कहते हैं कि जो दर्शक टिकट खरीदकर फिल्म देखेंगे वो निराश नहीं होंगे।
फिल्म पर हो रहे विवाद, इसे बनाने की तैयारी और इसके मुख्य विचार पर फिल्म के निर्देशक अबू अलीहा और जावेद इकबाल का किरदार निभाने वाले अदाकार यासिर हुसैन से विस्तार से चर्चा की।
अबू अलीहा का मानना है कि जावेद इकबाल द्वारा 100 बच्चों की हत्या पाकिस्तान के इतिहास की एक ऐसी घटना है जिसे याद किया जाना चाहिए।
अलीहा कहते हैं कि जावेद इकबाल पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा हैंऔर इसे लोगों को याद रखना चाहिए। वो कहते हैं, यह हमारे इतिहास का एक बुरा चरित्र है, इसलिए इसे भूलने के बजाय, इसे याद रखें और देखें कि ऐसा क्यों हुआ। उन्होंने कहा कि अगर भारत के बंटवारे पर फिल्म बन सकती है, जबकि बंटवारा अपने आप में अच्छी याद नहीं है, तो यह हमारी भी एक बुरी याद है. इस पर भी फिल्म बन सकती है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि ईधी साहब पर भी फिल्म बने. वो तो बहुत अच्छा होगा। हर जगह लोग उनके आसपास जमा हो जाते थे। मैं ईधी साहब पर फिल्म बनाना चाहता हूं- लगाइये पैसे।
इस फिल्म को बनाने के फैसले का बचाव करते हुए वह बाहरी दुनिया के उदाहरण देते हुए पाकिस्तान के लोगों की प्रवृत्तियों पर भी बात करते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हर विषय पर एक फिल्म बननी चाहिए और पहले भी फिल्में बनती रही हैं।