स्मरण: साक्षरता आंदोलन व रंगमंच में अहम योगदान के लिए याद किये जाएंगे कामरेड सफदर हाशमी

स्मरण: साक्षरता आंदोलन व रंगमंच में अहम योगदान के लिए याद किये जाएंगे कामरेड सफदर हाशमी
Spread the love

 

69 वीं जयंती पर क्रांतिकारीकारी अभिवादन !

अनंत आकाश
आज 12 अप्रैल 2023 को सफदर हाशमी की 69वीं जयन्ती है, वे 12 अप्रैल 1954में जन्मे थे। उनकी जयंती पर आज राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में उनके योगदान को याद किया जा रहा है। कामरेड सफदर हाशमी का समर्पण समाज एवं रंगमंच के लिए इस हद तक था कि उनकी हत्या भी 1 जनवरी 1989 को नुक्कड़ नाटक के दौरान साहिबाबाद में एक राजनैतिक दल से जुड़े कुछ अराजक तत्वों द्वारा कर दी गई। उनकी शहादत के तीसरे दिन ही उनकी पत्नी मलयश्री हाशमी के नेतृत्व में उसी स्थान साहिबाबाद के झंडा चौक पर जननाट्य मंच द्वारा नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुत कर पूंजीवादी सत्ता को मुंहतोड़ जबाब दिया गया। सफदर हाशमी का भारतीय रंगमंच में अविस्मरणीय योगदान रहा है। उन्होंने नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से बड़ी ही सादगी से अपनी बात समाज के मेहनतकश वर्ग तक पहुंचायी। उन्होंने नाटकों, लेखन तथा कविताओं के माध्यम से बड़े ही सरलता से अपनी बात जनता के अन्य हिस्सों तक पहुंचाने का कार्य किया है। यही कारण है कि साक्षरता आन्दोलन में उनका योगदान अविस्मरणीय रहा है । उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से अपने कैरियर की शुरुआत एक प्रवक्ता के रूप में की तथा दिल्ली विश्वविद्यालय में भी प्रवक्ता रहे। वे स्टूडेंट्स फैडरेशन में सक्रिय रहे तथा आगे चलकर वे मार्क्सवादी विचार व जनवादी आन्दोलन के लिए पूर्णतः समर्पित रहे और जनता के हकों और हितों की खातिर अपनी शहादत तक दे दी । उनकी 69 जयंती पर शत् शत् नमन !

Parvatanchal

error: कॉपी नहीं शेयर कीजिए!