पहल: उत्तराखंड में अब मरीजों के घर तक पहुंचाई जाएंगी दवाएं, व्यवस्था की तैयारियों में जुटा स्वास्थ्य विभाग
देहरादून। प्रभारी सचिव एवं एनएचएम निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से टेली मेडिसिन को बढ़ावा देने के साथ साथ मरीजों को घर तक दवाइयां पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाएगी। यहां स्वास्थ्य निदेशालय स्थित एनएचएम सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्वास्थ्य क्षेत्र की प्राथमिकताओं की जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 35 स्वास्थ्य केंद्र टेली मेडिसिन सेवाओं से जुड़े हैं। प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में टेली मेडिसिन के माध्यम से मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा लंबे समय से बीमार की इलाज करा रहे मरीजों को घर पर जरूरी दवाईयां पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
डाॅ आर राजेश कुमार ने कहा कि एनएचएम का उद्देश्य राज्य सरकार की ओर से दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचे। इसी उद्देश्य से आने वाले समय के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने की रणनीति तैयार की जाएगी। अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी के लिए अधिकारियों की एक क्विक रिस्पांस टीम बनाई जाएगी। जो अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेगी। इसके अलावा अस्पतालों में अधिकारी व कर्मचारी समय पर पहुंचें, इसके लिए दैनिक उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही बिना पंजीकरण के चल रहे स्वास्थ्य संस्थानों और झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मातृ-शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। इसके बावजूद मातृ-शिशु मृत्यु दर को और कम करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
प्रभारी सचिव ने बताया कि अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी कि
अस्पतालों में प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिला के उपचार में किसी तरह कोई कमी न रहे। इसके लिए मानसून सीजन में आपदा को देखते हुए राज्य व जिला स्तर के कंट्रोल रूम में डॉक्टर की तैनाती की जाती है। उन्होंने बताया कि डेंगू हॉट स्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर रोकथाम और जागरूकता के लिए आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों जानकारी दे रही हैं।