धौली गंगा पर बन रही झील भविष्य में बन सकती है खतरा

धौली गंगा पर बन रही झील भविष्य में बन सकती है खतरा
Spread the love

चमोली। जिले में धौली गंगा नदी पर एक झील बन रही है, जिसे भूविज्ञानियों द्वारा इसे भविष्य के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं। उनका कहना है कि अगर झील का आकार बढ़ता रहा तो निचले इलाकों में तबाही आ सकती है। अगस्त में भारी बारिश और हिमस्खलन के कारण तमंग नाले पर बना पुल बह गया, जिससे नदी का प्रवाह बाधित हुआ और झील का निर्माण हुआ। इस क्षेत्र की भूगर्भीय संरचना नाजुक होने के कारण निगरानी जरूरी है।
धौली गंगा को अलकनंदा जलग्रहण क्षेत्र की सबसे खतरनाक व विध्वंसक नदियों में गिना जाता है। वर्ष 1970 के ढाक नाला व तपोवन हादसों से लेकर हाल के वर्षों में ऋषि गंगा, रैणी, जोशीमठ, तमंग और झेलम गांव की आपदाएं इसका प्रमाण हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में भूगर्भ विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. एमपीएस बिष्ट, जो वर्ष 1986 से इस क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वे कर रहे हैं, उनका कहना है कि हाल में 25 से 28 अक्टूबर के बीच सीमांत क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान उन्होंने तमंग नाले के पास धौली गंगा नदी में झील का निर्माण होते देखा। प्रो. बिष्ट के अनुसार, फिल्हाल अभी झील की लंबाई लगभग 350 मीटर है। यदि इसका आकार बढ़ता है। तो भविष्य में निचले इलाकों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।

 

ये भी पढ़ें:   राष्ट्रपति मुर्मू का उत्तराखंड दौरा, पतंजलि यूनिवर्सिटी दीक्षांत समारोह में हुई शामिल, बांटे गोल्ड मेडल

Parvatanchal

error: कॉपी नहीं शेयर कीजिए!