चिंताजनक: गन्ने की फसल में रोग लग जाने से बढ़ रही है किसानों की चिंता

रुड़की। गन्ने की फसलों में पोका बोइंग रोग आने किसानों की चिंता बढ़ गई है। क्षेत्र में मौजूद गन्ने के खेतों में रोग तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की सिकन साफ झलक रही है। क्षेत्र की मुख्य फसल गन्ना है। फिलहाल किसानों के खेतों में गन्ने की फसल खूब लहलहा रही है। किसान खेतों में खड़ी गन्ने की फसलों को देखकर अच्छे उत्पादन की आस लगा रहे हैं। किसानों ने पहले ही अपने खेतों में खाद और किटनाशक का छिड़काव भी कर दिया है। लेकिन अब गन्ने की फसलों में पोका बोइंग रोग का प्रभाव दिखने लगा है। जिसके चलते अब किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसान आदित्य चौधरी, कर्मवीर, मदन पाल, प्रमोद, सतपाल, तेजपाल, सुखपाल, योगेंद्र, जिगेन्द्र, जितेंद्र , संजय, बबलू, राकेश,गुलजार, ओमपाल, विमल, पाल्ला, दिग्विजय आदि का कहना है गन्ने की फसल में पोका बोइंग रोग का प्रभाव दिखाई देने लगा है। फिल्हाल खेतों में गन्ने की अच्छी फसल खड़ी है। जिससे अच्छी पैदावारी का अनुमान भी लगाया जा रहा है। लेकिन फसल में रोग आने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
पोका बोंइग रोग से गन्ने की फसल को भारी नुकसान पहुंचाता है। रोग से प्रभावित फसल की लंबाई और बढ़वार रुक जाती है। पौधा उपर से सुखाना शुरू हो जाता है। किसानों का कहना है कि रोग से बचने के लिए जिन फसलों में पहले से ही किटनाशकों का प्रयोग कर दिया गया था उनमें भी रोग का असर आने से किसानों के लिए मुसिबत बन गई है। रोग की रोकथाम नहीं हुई तो पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका सता रही है।
इनका कहना है..
-कृषि विज्ञान केंद्र धनोरी से डॉ पुरुषोत्तम ने बताया पोका बोइंग रोग से बचाव के लिए किसान फसलों में कॉपर ऑक्सी क्लोराइड को दो से तीन ग्राम प्रति एक लीटर पानी मे घोल बनाकर उसका स्प्रे कर सकते हैं।
-ज्येष्ठ गन्ना विकास निरिक्षक बीके चौधरी ने बताया कि किसानों को गन्ने की फसलों के रोग और बचाव के बारे में जागरुक करने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
