आवाज़:  आरटीआई एक्टिविस्ट एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विकेश नेगी के समर्थन में आई सीपीएम

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पार्टी बोली, सम्मानित नागरिक को तड़ीपार करना अभिव्यक्ति की आज़ादी का हनन

पुलिस की कार्रवाई को बताया मन्त्रियों व सरकारी भ्रष्टाचार को उजागर करने की सज़ा 

देहरादून। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि उत्तराखण्ड पुलिस कानून व्यवस्था संभालने में विफल साबित हो चुकी है किन्तु मन्त्रियों एवं सत्तापक्ष की सेवाभगति करने में पीछे नहीं है। यही कारण है कि आवाज उठाने वालों को या तो तरह तरह से धमकाया जा रहा है, या फिर झूठे मुकदमे दर्ज कर चुप किया जा रहा है। फिर भी कोई नहीं चुप होता तो उसे जिले से तड़ीपार किया जाता है।
जिला कार्यालय में आयोजित एक बैठक में पार्टी नेताओं ने कहा कि कुछ दिन पहले वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सूचनाधिकार कार्यकर्ता विकेश नेगी के साथ पुलिस का अशोभनीय व्यवहार तब सामने आया जब देहरादून पुलिस द्वारा ढोल-नगाड़े बजाते हुए एडवोकेट नेगी को 6 महीने के लिये जिला बदर (तड़ीपार) कर दिया गया।
बैठक में पुलिस की इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आक्रोश व्यक्त किया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि एक जनतान्त्रिक देश में पुलिसिया राज को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड बार कौंसिल ने भी पुलिस की इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक ठहराया तथा विकेश नेगी को जिला बदर करने के निर्णय को निरस्त किया जाये ।
बैठक में राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी ,पार्टी नेता सुरेन्द्र सिंह सजवाण, जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त आकाश व सचिव मण्डल के लेखराज मौजूद थे।

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