शाबाश: गुरु अनूप बिष्ट की मेहनत से पेरिस ओलंपिक में चमकेगा उत्तराखंड का ‘सूरज’  पंवार

शाबाश: गुरु अनूप बिष्ट की मेहनत से पेरिस ओलंपिक में चमकेगा उत्तराखंड का ‘सूरज’  पंवार
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पिथौरागढ़।   पेरिस ओलंपिक के लिए वॉक रेस में उत्तराखंड से सूरज पंवार का चयन हुआ है। सूरज की इस सफलता के पीछे उनके गुरु जिला खेल अधिकारी पिथौरागढ़ अनूप बिष्ट का सबसे बड़ा हाथ है। देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित अनूप बिष्ट प्रदेश का दूसरा ओलंपियन वॉक रेसर देने वाले एकमात्र कोच बन गए हैं। इससे पहले मनीष रावत ने रियो ओलंपिक में प्रतिभाग किया था।  सूरज पंवार का नाम एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की पेरिस ओलंपिक के खिलाड़ियों की सूची में आने की सबसे बड़ी खुशी गुरु अनूप बिष्ट को मिली है। मूल रूप से टिहरी निवासी सूरज पंवार मौजूदा समय में देहरादून के कारबारी ग्रांट क्षेत्र में रहते हैं।

आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से ताल्लुक रखने वाले सूरज की खेल की शुरुआत भी दूसरों के जूतों से हुई थी। सूरज की लगन को देखते हुए साल 2015 में शिक्षा विभाग में कार्यरत रवि रावत ने तत्कालीन समय में एथलेटिक्स कोच अनूप बिष्ट से ट्रेनिंग देने की गुजारिश की। 16 साल की उम्र में नवंबर 2016 से सूरज की कोचिंग अनूप बिष्ट ने शुरू कराई। अनूप बिष्ट ने बताया वॉक रेस से पहले सूरज 600 मीटर की दौड़ में प्रतिभाग करता था। इसलिए वॉक रेस के लिए तैयार करने के लिए सूरज की स्किल को पूरी तरह से बदलना पड़ा। सूरज में लगन थी और उन्होंने उसकी हर तरह से मदद की। 2016 में सूरज ने अंडर-16 जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण जीता था। वहीं 2018 के यूथ ओलंपिक में रजत पदक जीतकर सूरज ने अपना दम दिखाया था।

रायपुर के जंगलों में बढ़ाई सूरज की रफ्तार
कोरोना संक्रमण के कारण देश में खेल गतिविधियां भी बंद हो गई थीं। शुरुआती तीन महीने तक सूरज घर पर ही रहे। मगर इससे उनकी ट्रेनिंग पर असर पड़ने लगा। तब अनूप बिष्ट ने सूरज को रायपुर के जंगलों में तैयारी करवानी शुरू की। सूरज के साथ अनूप भी जंगलों में बराबर दौड़ते रहे। इस दौरान स्ट्रैंथ ट्रेनिंग करवाई और यूरोपीय देशों के माहौल के अनुसार रफ्तार पर काम करवाया। जिसके बाद फरवरी 2024 में नेशनल वॉकिंग चैंपियनशिप में सूरज ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। वहीं मई में स्लोवाकिया टूर में भी सूरज टॉप-6 में शामिल रहे थे।

ओलंपिक में 13वें स्थान पर रहे थे मनीष रावत
वॉक रेस में इससे पहले अनूप बिष्ट से ट्रेनिंग लेकर उत्तराखंड पुलिस में इंस्पेक्टर चमोली निवासी मनीष रावत ने ओलंपिक तक का सफर तय किया था। मनीष ने 2016 में रियो ओलंपिक में प्रतिभाग किया था। इसमें मनीष रावत ने 13वां स्थान हासिल किया था। ओलंपिक में वॉक रेस में टॉप-15 में शामिल होने वाले मनीष देश के दूसरे खिलाड़ी बन गए थे। इस प्रदर्शन के बाद मनीष को पुलिस विभाग में प्रमोशन भी मिला था।

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