आरोप: प्रदेश में हो रही कीमती वन संपदा की लूट के लिए वन मंत्री की बेफ़िक्री को ठहराया जिम्मेदार

आरोप: प्रदेश में हो रही कीमती वन संपदा की लूट के लिए वन मंत्री की बेफ़िक्री को ठहराया जिम्मेदार
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कम राजस्व प्राप्त होने के चलते नीलाम करने पड़ रहे कीमती उपहार, जन संघर्ष मोर्चा का आरोप

विकासनगर। जन सरोकारों व मुद्दों को लेकर निरंतर मुखर रहने वाले जन संघर्ष मोर्चा ने प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल पर जबरदस्त हमला बोला है। मोर्चा ने उन्हें नकारा मंत्री करार दिया है। मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में खनन माफियाओं एवं अधिकारियों की मिली भगत के चलते प्रदेश की करोड़ों-अरबों रुपए की वन संपदा लूटी जा रही है, लेकिन इन सबसे बेखबर वन मंत्री सुबोध उनियाल गहरी निंद्रा में हैं। वन मंत्री के इस निकम्मेपन की वजह से सरकार को प्रतिमाह करोड़ों रुपए की चपत लग रही है। प्रदेश के अधिकांश विधायक/मंत्री अपने गुर्गों के माध्यम से इस काले सोने के कारोबार में रात दिन व्यस्त हैं। यह भी संभव है कि वन मंत्री पर इनका गहरा दबाव हो। वन मंत्री का अधिकारियों पर दबाव न होने के चलते इस काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है।
नेगी ने कहा कि प्रदेश के उपखनिज एवं बहुमूल्य खनिजों से जो राजस्व सरकार को प्राप्त होना चाहिए था, उसका 20 फ़ीसदी भी सरकार को नहीं मिल पा रहा है। इस खेल में माफिया-अधिकारी रातों-रात लखपति बन रहे हैं। नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि कम राजस्व वसूली के चलते सरकार को अपने कीमती उपहारों की नीलामी करने तक करने की नौबत आन पड़ी है।
मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने कहा कि नदियों का सीना पूरी रात चीरा रहा है तथा परिवहन की जा रही उक्त अवैध उप खनिज को जंगलात चेक पोस्टों पर रोकने/पूछने वाला कोई नहीं है, सिर्फ खाना पूर्ति कर अपने हित साधे जा रहे हैं। प्रदेश में हो रहे इस काले कारोबार से सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
पत्रकार वार्ता में मोहम्मद असद एवं प्रवीण शर्मा पिन्नी भी मौजूद थे।

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