प्रतिक्रिया: पहलवानों के प्रदर्शन पर सरकार की चुप्पी एक गंभीर सवाल है

खष्टी बिष्ट
दिल्ली में जंतर मंतर पर हो रहे महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन ने एक बार फिर पूरे देश को हिला कर रख दिया है। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोप अत्यंत गंभीर हैं, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विरोध कर रहे पहलवानों की बात सुनना तो दूर उल्टे उनके साथ दुर्व्यवहार और पुलिस की झड़प-हाथापाई की खबरें अत्यंत शर्मनाक हैं, जिसकी पूरा देश भर्त्सना करता है।
किसी खेल संघ के उच्च पदों पर काबिज मठाधीशों के यौन शोषण की खबरें पहले भी कई बार सुनने को मिली हैं परंतु राष्ट्र को गौरवान्वित करने वाले और देश के लिए पदक जीतकर अपने प्रदेश और राष्ट्र का सर फख्र से ऊंचा करने वाले इन पहलवानों के विरोध को सरकार द्वारा नजरअंदाज करना अत्यंत शर्मनाक है।
वरिष्ठ पत्रकार खष्टी बिष्ट
एक तरफ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ जैसे अभियान महिलाओं को मुख्यधारा में लाने की और बराबरी के अधिकार का दिखावा सरकार कर रही है तो दूसरी तरफ अपने बिगड़ैल सांसदों पर नियंत्रण खो रही है तथा WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर किसी भी तरह की कार्रवाई से बचती नजर आ रही है तथा आधिकारिक बयान देने से बच रही है। जब देश की प्रतिष्ठित महिला खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव किया जाएगा तो सामान्य बेटी कितनी सुरक्षित है? यह सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाता है तथा नेकनीयती पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है। पूरा देश इन पहलवानों के साथ है। इनके सम्मान को किसी तरह भी धूल-धूसरित नहीं होने दिया जाएगा।
आज 12दिनों , हमारे देश के बड़े नेतृत्व ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया और ना ही कार्रवाई की, यह विषय बहुत ही निंदनीय है। ऐसे में बेटियां कैसे बच पाएंगी,और कैसे पढ़ पाएंगी, यह सोचनीय विषय है।