ख़तरनाक: लैंसडौन में बाघ के हमले में महिला की मौत से लोगों में उबाल, पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल

ख़तरनाक: लैंसडौन में बाघ के हमले में महिला की मौत से लोगों में उबाल, पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल
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कोटद्वार। लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र के ग्रामसभा अमलेशा के तोक डाल्यूंगाज में शुक्रवार शाम बाघ के हमले में एक महिला की दर्दनाक मौत के बाद पूरे इलाके में दहशत और आक्रोश फैल गया। घटना से आहत ग्रामीण शनिवार सुबह बड़ी संख्या में एकत्र हुए और जमकर नारेबाजी करते हुए वन विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सूचना के अनुसार, ग्राम सभा अमलेशा के सीरोबाड़ी निवासी उर्मिला देवी (60 वर्ष) अपनी बहू प्रिया के साथ घर के पास ही मवेशियों के लिए चारापत्ती काट रही थीं। इसी दौरान बच्चे की रोने की आवाज सुनकर बहू घर लौट आई, जबकि उर्मिला देवी वहीं रुक गईं। तभी अचानक बाघ ने उर्मिला देवी पर हमला कर लिया और उन्हें घसीटकर करीब पचास मीटर दूर ऊपरी खेत तक ले गया। काफी देर तक वापस न आने पर बहू ने खेतों में खोजबीन की तो कुछ दूरी पर सास का शव पड़ा मिला और पास ही बाघ भी मौजूद था। सूचना मिलते ही कालागढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट डिवीजन की पलेन रेंज की टीम मौके पर पहुंची और शव को घर पहुंचाया। घटना ने ग्रामीणों में गहरा रोष भर दिया है। लोगों का कहना है कि पिछले कुछ समय से क्षेत्र में लगातार वन्यजीव सक्रिय हैं, लेकिन वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने भी इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए वन कानूनों में शिथिलता लाने की मांग वे लंबे समय से करते आ रहे हैं, ताकि आमजन को सुरक्षा मिल सके, लेकिन शासन-प्रशासन इस पर गंभीर नहीं है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि क्षेत्र में सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं किए गए तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। वहीं वन विभाग ने इलाके में पिंजरे लगाकर बाघ की गतिविधियों पर नजर बनाए रखी है।

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