ख़तरा: नहरों की मरम्मत नहीं होने से उपजाऊ खेत होने लगे बंजर, काश्तकारों पर संकट के बादल

ख़तरा: नहरों की मरम्मत नहीं होने से उपजाऊ खेत होने लगे बंजर, काश्तकारों पर संकट के बादल
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टिहरी। जौनपुर ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत खरसोन, टटोर, खैराड़ा गांव की सिंचाई नहरों की मरम्मत व पुनर्निर्माण नहीं होने से काश्तकारों के उपजाऊ खेत बंजर होने लगे हैं। नहरों पर पानी नहीं चलने से ग्रामीणों में शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा है। लघु सिंचाई विभाग ने बजट का अभाव बताकर क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत करने से हाथ खड़े कर दिए है।
आपदा से क्षतिग्रस्त सिंचाई नहरों की मरम्मत नहीं होने से ग्राम पंचायत खरसोन, टटोर, खैराड़ा की सिंचित खेती बंजर होने लगी है। खैराड़ के ग्राम प्रधान प्रदीप कवि, टटोर के पूर्व प्रधान गंभीर सिंह रावत, खरसोन के पूर्व प्रधान अनिल बिजल्वाण ने बताया कि गत वर्षों की आपदा से उनके गांवों की नहरें क्षतिग्रस्त हो गई थी। ग्रामीणों की मांग पर विभाग ने गत दो वर्ष नहर पर प्लास्टिक के पाइप बिछाकर पानी चलाया लेकिन पाइपों में पानी नहर के अपेक्षा बहुत कम आता था।
किसी तरह ग्रामीण बारी-बारी से खेतों में उगी फसलों की सिंचाई करते थे लेकिन इस वर्ष की आपदा से नहरों की स्थिति और खराब हो गई है। नहरों में बिछाए पाइपों में मिट्टी और गाद भरने से पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो चुकी है। इससे ग्रामीणों के खेत बंजर होने की लगे हैं। ग्रामीण लगातार लघु सिंचाई विभाग से नहरों की मरम्मत व पुनर्निर्माण की मांग करते आ रहे हैं लेकिन नहरों की मरम्मत नहीं हो पा रही है।
सिंचाई का संकट होने से ग्रामीण अपने उपजाऊ खेतों में बीज नहीं डाल पा रहे हैं। गांवों के अधिकांश काश्तकार खेती पर निर्भर है। वह अपने खेतों में धान, गेंहू, विभिन्न प्रकार की दालों के साथ नगदी फसलों का उत्पादन करते थे लेकिन सिंचाई के लिए पानी का संकट होने से काश्तकार परेशान हैं। उन्होंने शासन-प्रशासन से शीघ्र सिंचाई नहरों की मरम्मत करने की गुहार लगाई है।
–क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत एवं नवनिर्माण के लिए पूर्व में शासन को बजट देने का प्रस्ताव भेजा गया है। शासन से प्रथम चरण के बजट की स्वीकृति मिल गई है लेकिन इससे अन्य ब्लॉकों की नहरों का मरम्मत कार्य होगा। द्वितीय चरण के बजट स्वीकृत होने के बाद ही जौनपुर ब्लॉक की नहरों का मरम्मत का कार्य किया जाएगा।   -बृजेश कुमार गुप्ता, अधिशासी, अभियंता लघु सिंचाई विभाग टिहरी।

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