मानसून के बाद धीमी पड़ी केदारधाम यात्रा की रफ्तार,व्यापारियों की चिंताएं बढ़ी

मानसून के बाद धीमी पड़ी केदारधाम यात्रा की रफ्तार,व्यापारियों की चिंताएं बढ़ी
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रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा का दूसरा चरण 15 सितंबर से शुरू हो गया है। गत दिवस 27 सितंबर सुबह 10 बजे तक 45 लाख से ज्यादा हेमकुंड साहिब समेत चारधाम यात्रा कर चुके हैं। वहीं 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। लेकिन बारिश के कारण केदारनाथ धाम के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घट गई है। केदारनाथ धाम यात्रा में भक्तों की संख्या में भारी कमी आने से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। थानीय व्यवसायियों का कहना है कि सरकार की कमियों के कारण यात्रा नहीं चल पा रही है। यात्रा से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से भी यात्रा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पहली बार देखा जा रहा है कि मॉनसून सीजन पूरी तरह से समाप्त होने के बाद बेहद कम संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं।ैरीकुंड-केदारनाथ मजदूर संघ यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि इस वर्ष केदारघाटी आपदा से बची रही। केदारनाथ धाम सहित पैदल यात्रा मार्ग और केदारघाटी में आपदा का प्रकोप देखने को नहीं मिला। इस वर्ष का यात्रा सीजन पहले से ही निराशाजनक रहा। यात्रा के शुरूआती चरण में यात्रा में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर बीमार हो गए। बीमारी के कारण कई घोड़े-खच्चरों की मौत भी हो गई। जिस कारण कई दिनों तक यात्रा में घोड़े-खच्चरों की आवाजाही पर रोक लगी। किसी तरह घोड़े-खच्चर ठीक हुए, उसके बाद हेली हादसों ने यात्रियों की चिंताएं बढ़ा दी। बाद में मॉनसून सीजन शुरू होने पर यात्रा चौपट हो गई। बाकी असर उत्तराखंड में आई आपदाओं ने पूरी कर दीय आपदाओं के बाद तो यात्रियों की संख्या अत्यधिक गिर गई है। मात्र दस प्रतिशत यात्री ही केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। यात्रियों के ना पहुंचने से सबसे अधिक नुकसान होटल, लॉज, ढाबा, डंडी-कंडी, घोड़ा खच्चर संचालक सहित अन्य लोगों को हो रहा है। किसी तरह घोड़े-खच्चर ठीक हुए, उसके बाद हेली हादसों ने यात्रियों की चिंताएं बढ़ा दी। बाद में मॉनसून सीजन शुरू होने पर यात्रा चौपट हो गई। बाकी असर उत्तराखंड में आई आपदाओं ने पूरी कर दी। आपदाओं के बाद तो यात्रियों की संख्या अत्यधिक गिर गई है। मात्र दस प्रतिशत यात्री ही केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। यात्रियों के ना पहुंचने से सबसे अधिक नुकसान होटल, लॉज, ढाबा, डंडी-कंडी, घोड़ा खच्चर संचालक सहित अन्य लोगों को हो रहा है।

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