आध्यात्म: संत योगीराज श्रीहंस जी महाराज की जयंती पर दो दिवसीय जनकल्याण समारोह का आयोजन
श्रीहंस जी महाराज ने करोड़ों लोगों के हृदय में जलाई ज्ञान की ज्योति,माताश्री डॉ मंगला जी का संबोधन
बी.के. त्यागी
हरिद्वार। योगीराज श्रीहंस जी महाराज की पावन जयंती के उपलक्ष्य में हंस ज्योति-ए यूनिट आफ हंस कल्चरल सेंटर द्वारा ऋषिकुल कालेज मैदान में साधु-संतों और हजारों श्रद्धालु-भक्तों की उपस्थिति में दो दिवसीय जनकल्याण समारोह का हर्षोल्लास के साथ शुभारम्भ हुआ। द हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत एवं आध्यात्मिक गुरु श्रीभोले जी महाराज तथा माताश्री डॉ मंगला जी के सानिध्य में आयोजित इस समारोह में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा अमेरिका तथा नेपाल आदि देशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु-भक्त शामिल हुए। श्रीभोले जी महाराज और माताश्री डॉ मंगला जी के स्वागत में ऋषिकुल ब्रह्मचार्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय के बच्चों ने स्वागत गीत और मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
आध्यात्मिक गुरु श्रीहंस जी महाराज
योगीराज श्रीहंस जी महाराज और माताश्री राजेश्वरी देवी के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद माताश्री डॉ मंगला जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि आज मां पतित पावनी गंगा के किनारे बैठकर योगीराज श्रीहंस जी महाराज की पावन जयंती के मौके पर तीर्थस्थली हरिद्वार में जनकल्याण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। हरिद्वार दुनिया के करोड़ों लोगों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ श्रीहंस जी महाराज की जन्म और कर्मस्थली भी रहा है। हरिद्वार से ही उन्होंने सत्संग और ज्ञान प्रचार की शुरुआत की थी और इसे जनकल्याण का केंद्र बनाया था।
माताश्री डॉ. मंगला जी ने कहा कि श्रीहंस जी महाराज अपने समय की एक ऐसी महान आध्यात्मिक विभूति और अलौकिक महापुरुष थे जिन्होंने देश-विदेश के करोड़ों लोगों के हृदय में ज्ञान की ज्योति जलाकर उन्हें सत्य, धर्म, न्याय, मर्यादा, परोपकार और मानव सेवा के मार्ग पर लगाया। उन्होंने समारोह में उपस्थित लोगों का आहवान किया कि वे श्री हंस जी महाराज के संदेशों और शिक्षा को अपने जीवन में उतारें और देश में शांति, एकता और सद्भाव का वातावरण बनायें।
आध्यात्मिक गुरु भोले जी महाराज ने ज्ञान और भक्तिभाव से जुड़े भजन प्रस्तुत कर लोगों को भजन और मानव सेवा करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर संस्था के प्रचारक महात्मा शिवकृपानंद जी और श्रीमंगल जी ने भी सत्त्संग विचारों से जनमानस को लाभान्वित किया।
भजन गायक मिष्टु ने शानदार भजनों की प्रस्तुति कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।