सामयिक: देश में नकल और पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून लागू

सामयिक: देश में नकल और पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून लागू
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रकार ने पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 लागू कर दिया है। इस एंटी-पेपर लीक कानून के तहत पेपर लीक या उत्तर-पुस्तिका से छेड़छाड़ करने पर कम से कम तीन साल की सजा होगी जिसे दस लाख तक के जुर्माने के साथ बढ़ा कर पांच साल तक भी किया जा सकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चार महीने पहले ही लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 को मंजूरी दे चुकी थीं। इस कानून का उद्देश्य यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिग भर्ती परीक्षाओं और  एनटीए द्वारा आयोजित अन्य तमाम परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकना है।
इस तरह के संगठित अपराध में शामिल लोगों पर अब न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इस कानून से पहले राज्यों में नकल रोकने और परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली को रोकने संबंधी कानून बनाए गए हैं।
ओडिशा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश,  झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और उत्तराखंड में ऐसे कानून हैं। हालांकि ये उस तरह के नतीजे देने में असफल रहे हैं, जिनके बलबूते परीक्षाओं को पारदर्शी बनाया जा सके।/०
इस नये कानून द्वारा परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के प्रमुख और सदस्यों को लोक सेवक माना जाएगा ताकि उनके खिलाफ अपराध के साथ ही भ्रष्टाचार का मामला भी चलाया जा सके। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं।औ ।/ पर उठने वाली उंगलियों के कारण युवाओं का भरोसा ८लगातार टूट रहा है।
बार-बार परीक्षा  प्रणालियों पर संदेह और उनकी पारदर्शिता धूमिल पड़ने के चलते प्रतियोगियों में निराशा व्याप्त होती जा रही है। चूंकि अब यह संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आ गया है, इसलिए कोई भी पुलिस अधिकारी बगैर वारंट भी अपराधी को गिरफ्तार कर सकता है।
भले ही यह फैसला लेने में सरकार ने काफी ढिलाई बरती है लेकिन देर आयद दुरुस्त आयद, क्योंकि उच्च शिक्षा या नौकरी के लिए परीक्षार्थियों का समूचा भविष्य ही दांव पर लगा होता है। परीक्षाओं में धांधली होनहार युवाओं को नैतिक तौर पर बुरी तरह तोड़ देती है।
हालांकि सख्त कानून बनाने में वक्त लगता है। विशेषज्ञों की राय और विभिन्न दृष्टिकोणों से इसे उस सख्ती से लागू किया गया ताकि भविष्य में इस तरह का कोई संकट ही न खड़ा हो सके। साथ ही, इस तरह के अपराधियों पर लगाम कसी जा सके। देखा जाना है कि कानून सख्त किए जाने के बाद पेपर लीक और परीक्षाओं में धांधलियों पर नकेल कसने में हम किसने सफल होते हैं।

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