स्मरण: शहीद केसरीचन्द को उनकी 78 वीं शहादत दिवस पर नमन
अनंत आकाश
देहरादून। अंग्रेजी उपनिवेशवाद के खिलाफ ,भारत के मुक्ति संघर्ष में जनजाति क्षेत्र जौनसार बाबर का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। आज के दिन 3 मई 1945 को लेफ्टिनेंट वीर केशरीचन्द को अंग्रेजी हुकूमत ने लालकिले में फांसी दी थी । केसरीचन्द का नाम देश के उन शहीदों में शुमार है, जिन्होंने कम उम्र में ही नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की इण्डियन नेशनल आर्मी से जुड़कर देश के प्रति अपने कर्तव्यों को बखूबी जाना था। उनके शहादत दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि। उनके बलिदान को सदैव देशभर में याद किया जाएगा। आजादी के मुक्ति संघर्ष में शहीदे आजम भगतसिंह व उनके साथियों की शहादत तथा शहीद केसरी चन्द आदि युवाओं का देशभक्ति का जज्बा आज हमारे युवाओं को आत्मसात करने की जरूरत है। वे समाज में बढ़ रही विषमताओं ,साम्प्रदायिक एवं जातीय विद्वेष तथा समाज को विभाजित करने वाली ताकतों के खिलाफ संगठित प्रतिरोध खड़ाकर एक बेहतरीन समाज के निर्माण में योगदान दे सकते हैं। ऐसा समाज बनाएं जहाँ आदमी द्वारा आदमी का शोषण न हो,एक ऐसा माहौल तैयार जिसमें समाज के हरेक हिस्से को आगे बढ़ने का अवसर मिले। उनके शहादत दिवस पर शत् शत् नमन !