एम्स: युवा सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन, नर्सिंग छात्राओं ने सीखे तनाव से मुक्ति के गुर

सत्येंद्र सिंह चौहान
ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश के नर्सिंग के विद्यार्थियों के लिए युवा सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में नर्सिंग छात्राओं को तनाव मुक्त रहने के गुर सिखाने गए। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के कॉलेज ऑफ नर्सिंग और आर्ट ऑफ लिविंग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय कार्यशाला के दौरान युवाओं को सशक्तिकरण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। सेमीनार में वक्ताओं ने नर्सिंग के छात्राओं को आधुनिक जीवनशैली में तनावमुक्त रहने के विभिन्न टिप्स दिए और योग, ध्यान व प्राणायाम को दैनिक तौर से अपनाने की सलाह दी।
युवा सशक्तिकरण कौशल कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए डीन एकेडेमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कहा कि नर्सिंग का पाठ्यक्रम एक पेशेवर पाठ्यक्रम है और इसमें लगन, मेहनत के साथ मन को एकाग्र रखते हुए अपने लक्ष्य को फोकस करने की जरूरत होती है। संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि ऐसे में नर्सिंग के विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर होना जरूरी है।

सेमीनार में योग, प्राणायाम (श्वास नियंत्रण), ध्यान और सुदर्शन क्रिया का प्रदर्शन किया गया व प्रतिभागियों को इनके लाभ बताए गए। वक्ताओं ने प्रतिभागियों को बताया कि तनाव मुक्त रहने के लिए योग और प्राणायाम करना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग, ऋषिकेश के निदेशक निर्मल मटेला ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में प्रत्येक पायदान पर उन्हें बेहतर करके दिखाना होगा। यह तभी संभव है जब हम तनाव मुक्त रहकर अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर फोकस करें। हमें न केवल अध्ययन के क्षेत्र में अपितु जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी कौशलता और अपनी दक्षता का विकास करना होगा।
सेमीनार को कॉलेज ऑफ नर्सिंग की सहायक प्रोफेसर डॉ. राजराजेश्वरी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन ओशिन पुरी, अर्पित सिंह और तान्या चौहान ने संयुक्तरूप से किया। इस अवसर पर कॉलेज ऑफ नर्सिंग के विद्यार्थियों के अलावा कीर्ति, गीतिका, प्रदीप यादव, विश्वास आदि नर्सिंग ट्यूटर भी मौजूद थे।