

देहरादून।
दस साल की मासूम की रेप के बाद हत्या करने के मामले में विशेष पोक्सो कोर्ट ने आरोपित को दोषी पाते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई है। दोषी पर अलग अलग धाराआें में कुल 55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी को भी निर्देश दिए हैं कि पीड़िता को अपराध पीड़िता राहत कोष से एक लाख रुपये की राशि बतौर प्रतिपूर्ति प्रदान करवाई जाए। घटना एक साल पहले सहसपुर थाना क्षेत्र के सिंहनीवाला में प्रकाश में आई थी।
विशेष लोक अभियोजक पोक्सो भरत सिंह नेगी ने अदालत को बताया कि घटना 28 जुलाई 2018 की है। सहसपुर थाना क्षेत्र के सिंहनीवाला के शिवालिक इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माधाणाधीन भवन में पास की झोपड़ियों में रहने वाली एक दस साल की मासूम लापता हो गई। उसकी तलाश और पूछताछ के दौरान मासूम के छोटे भाई बहनों ने बताया कि पास की झोपड़ी में रहने वाला जय प्रकाश उन्हें दस दस के नोट देकर अपने कमरे में ले गया था। यहां उसने उन दोनों को वापस भेज दिया जबकि बड़ी बहन (पीड़िता) को वहीं रोक लिया था।

इस जानकारी के बाद पुलिस और परिजनों ने जयप्रकाश के कमरे के तलाशी ली तो जयप्रकाश के कमरे से सीमेन्ट के कट्टों के बीच मासूम का शव बरामद हो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि गला दबाकर हत्या करने से पहले मासूम के साथ दुराचार और कुकर्म किया गया था। मेडिकल जांच में आरोपित के डीएनए की पुष्टि हुई। जबकि मासूम बच्चों की गवाही को भी अदालत ने बड़ा साक्ष्य माना। अभियोजन पक्ष की आेर से मामले में कुल 17 गवाह अदालत में पेश किए गए। गवाहों और सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपित जय प्रकाश को मासूम से दुराचार, कुकर्म और हत्या का दोषी पाते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई।