एक्शन: पांच साल में कुल 62 लोगों ने किया था दलित किशोरी से दुष्कर्म, अब तक 44 गिरफ्तार

तिरुवनन्तपुरम। दलित महिला एथलीट से किशोरावस्था में कई बार दुष्कर्म किए जाने के सनसनीखेज मामले में केरल पुलिस अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले की जांच के विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
विदित रहे कि 18 वर्षीय पीड़िता ने बताया था कि पिछले पांच साल में 62 लोगों ने उसका यौन शोषण किया था। उसकी आपबीती सामने आने पर पथानामथिट्टा जिले के दो थानों में कई एफआईआर दर्ज की गई थी।
अब जांच कर रही डीआईजी एस अजीता बेगम ने बताया कि महिला के साथ कथित यौन उत्पीड़न के सिलसिले में 30 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। साथ ही 59 आरोपियों में से 44 को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा, दो आरोपी फरार हैं जो इस समय विदेश में हैं। उनके लिए लुक आउट सर्कुलर जारी करने पर विचार किया जा रहा है। जांच अधिकारी इंटरपोल के जरिए उनके लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की भी योजना बना रहे हैं। इनके अलावा 13 और लोगों को गिरफ्तार किया जाना है।
अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के ठिकानों की तलाश की जा रही हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एसआईटी द्वारा एक फूलप्रूफ और वैज्ञानिक जांच की जाएगी। किसी भी आरोपी को नहीं छोड़ा जाएगा। कोई समझौता नहीं होगा। सभी आरोपियों को कानून के कठघरे में लाया जाएगा।
पुलिस ने बताया कि अबतक की जांच से पता चला है कि आरोपी लड़की से पथनमथिट्टा के एक निजी बस स्टैंड पर मिले थे। इसके बाद उसे वाहनों में विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया और उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। वहीं, जब पीड़िता पिछले साल बारहवीं कक्षा में पढ़ रही थी। तब उसे एक युवक इंस्टाग्राम के माध्यम से रन्नी में एक रबर प्लांटेशन में ले गया था, जहां उसने तीन अन्य लोगों के साथ उसके साथ दुष्कर्म किया।
अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि जनवरी 2024 में एक कार के अंदर और पथानामथिट्टा जनरल अस्पताल में हुई घटनाओं सहित कम से कम पांच मौकों पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। अब 18 साल की हो चुकी लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 13 साल की उम्र से अब तक 62 लोगों ने उसका यौन शोषण किया।
यहसनीखेज मामला तब खुला जब, एक एनजीओ के सदस्य क्षेत्र भ्रमण के दौरान लड़की के घर पहुंचे। लड़की ने पांच वर्षों में उसके साथ हुई भयावह घटनाओं के बारे में बताया, तब एनजीओ ने सूचना बाल कल्याण समिति को दी। पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया और तेज रफ्तार से कार्रवाई शुरू की गई।
