शुभारंभ: श्री भोले जी महाराज के पावन जन्मोत्सव पर जनकल्याण समारोह शुरू

शुभारंभ: श्री भोले जी महाराज के पावन जन्मोत्सव पर जनकल्याण समारोह शुरू
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माताश्री मंगला जी ने आध्यात्म ज्ञान को बताया सभी धर्मों का मूल

बी.के.त्यागी
नई दिल्ली। प्रख्यात आध्यात्मिक विभूति तथा द हंस फाउंडेशन की प्रेरणास्त्रोत माताश्री मंगला जी ने कहा कि आध्यात्म ज्ञान सभी धर्मग्रंथों और धर्मशास्त्रों का मूल है। आध्यात्म ज्ञान सुई की तरह हमेशा समाज को जोड़ने का काम करता है।

परमपूज्य श्री भोले जी महाराज के पावन जन्मोत्सव पर हंस ज्योति-ए यूनिट आफ हंस कल्चरल सेंटर द्वारा आयोजित जनकल्याण समारोह के शुभारंभ पर देश के विभिन्न राज्यों से आये हजारों श्रद्धालुओं और साधु-संतों को सम्बोधित करते हुए माताश्री मंगला जी ने कहा कि हमारे सभी संत-महापुरुष आध्यात्म ज्ञानी थे, इसलिए आज भी पूरी दुनिया में उनकी पूजा होती है। उन्होंने कहा कि आध्यात्म ज्ञान के प्रचार-प्रसार से ही देश में प्रेम, एकता, सद्भाव और सुख, शांति का वातावरण बनाया जा सकता है।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि संत-महापुरुष बड़े परमार्थी होते हैं जो स्वयं कष्ट सहकर भी लोगों को आध्यात्म ज्ञान की दीक्षा देकर उनके जीवन को प्रकाशित करते हैं। उन्होंने कहा कि संतों का काम भक्तों को सत्य, धर्म, न्याय, सदाचार और मर्यादा के मार्ग पर चलाना होता है। माताश्री मंगला जी ने कहा कि आध्यात्म ज्ञान को जानने तथा भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए जिज्ञासु के अंदर गुरु महाराज के प्रति सच्ची श्रद्धा, निष्ठा, प्रेम, समर्पण और सेवा भाव होना चाहिए।

समारोह में देश के विभिन्न भागों से आये आत्मानुभवी संत-महात्माओं ने सत्संग विचारों से श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया। प्रसिद्ध भजन गायिका नेहा खंकरियाल एवं अन्य गायकों ने भक्ति भाव के भजन एवं बधाई गीत प्रस्तुत कर श्रद्धालु-भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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