भाजपा: सरकार के सामने चुनौती बना दायित्वों का बंटवारा, वंचित कार्यकर्ताओं की नाराज़गी का है खतरा
देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा के सामने कार्यकर्ताओं को दायित्व बांटकर खुश करना चुनौती बनकर सामने आ रहा है।। जब भी मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा होता है तभी दायित्वों के बंटवारे की चर्चा भी शुरू हो जाती है। लेकिन अब दायित्व को पाने की प्रतीक्षा में बैठे कार्यकर्ताओं को अधिक लंबे समय तक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी जल्द ही उन्हें दायित्वों की रेवड़ियां बांटी जा सकती हैं।
इस बात के संकेत प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भटृ द्वारा भी दिए जा चुके हैं। उनका कहना तो यह भी है कि दायित्व बांटे जाने के लिए तीन सूचियां तैयार की गई हैं। इसका सीधा अर्थ है कि भाजपा सरकार थोक के भाव दायित्व बांटने जा रही है। अभी भाजपा ने बीते दिनों एक सूची जारी की थी जिसमें लगभग 10 लोगों को दायित्व दिए गए थे। आने वाली इन सूचियों का साइज क्या होगा, अभी इस बाबत कुछ भी नहीं कहा जा सकता है लेकिन इनका साइज काफी बड़ा रहने की संभावना जताई जा रही है।
एनडी तिवारी सरकार के कार्यकाल में राज्य में शुरू हुई लाल बत्तियां बांटने की इस राजनैतिक कुप्रथा को लेकर बीते समय में भारी राजनीति होती रही है। भाजपा ने कभी भले ही इस मुद्दे पर तिवारी सरकार की घेराबंदी में कोई कोर कसर न रखी हो लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद लाल बत्तियां बांटने में कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया। यही नहीं इन्हें दर्जाधारी मंत्री कहने की जगह दायित्वधारी का नाम भी भाजपा ने ही ईजाद किया है। अब 2024 का आम चुनाव भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में वह अपने किसी भी कार्यकर्ता को कतई नाराज नहीं कर सकती है। इसलिए चुनाव से पूर्व थोक के भाव दायित्व बांटे जाने की बात भी इन दिनों चर्चाओं के केंद्र में है। देखना यह है कि कितने सौभाग्य शाली कार्यकर्ताओं को दायित्व दिए जाते हैं।